Wednesday, January 24, 2018

क्रोध ओर आंधी

*क्रोध और आंधी दोनों बराबर होते है.!*

शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुआ है।

हमारे व्यवहार की सबसे बुरी आदत होती है क्रोध, क्योकि क्रोध से हमेशा विनाश ही होता है। क्रोध इंसान के अंदर का वो रक्षक के समान होता है जो केवल लोगों का विनास ही करता है जिसके दिन में कोई दया नही होती है।

क्रोध में आकर व्यक्ति कुछ भी कर जाता है जिसका उसको अंदाज भी नही होता है। वो खुद तो बर्बाद होता है और साथ साथ अपने परिवार वालो को भी नुकसान पहुचता है।

क्रोध ओर आंधी एक समान होती है, जब आंधी आती है तो सब कुछ तबाह कर जाती है। आंधी शांत होने के बाद ही पता चलता है कितना नुकसान हुआ वैसे ही क्रोधित व्यक्ति भी ग़ुस्से में कुछ भी कर जाता है जिसका परिणाम क्रोध के शांत होने के बाद चलता है।

इसलिए  क्रोध को हमेशा अपने से दूर रखना चाहिए।
मुस्कराओ ओर प्यार बाटो यही तो जिंदगी है।

मेरा वीर बेटा कब आएगा, एक वीर जवान की कहानी

एक गांव में एक माँ का एक  16 साल पुत्र था। पिता के गुजर जाने के बाद माँ ने ही उसका पालन पोषण किया। उसकी माँ घर पर ही सिलाई करके अपना घर चलती थी। उसका बेटा भी बहुत समझदार था। वो सुभह के समय अखबार ओर शाम को स्कूल से आने के बाद रात के 10 बजे तक होटल में वेटर का काम करता था।

12 क्लास में अच्छे नंबर से पास होने के बाद उसने आर्मी भर्ती की परीक्षा दी और वो पास हो गया। कुछ दिन बाद उसके घर आर्मी से बुलावा आया।
अपनी माँ को छोड़ कर जाने का उसका मन नही कर रहा था। पर मा के कहने पर उंसने आर्मी जॉइन कर लिया।
उसकी माँ अब बिल्कुल ही अकेली सी हो गयी थी और बेटे के बिना उसका मन कही नही लग रहा था।
बेटा भी हर समय अपनी माँ को ही याद करता था। कुछ दिन बाद जब दीवाली की छुट्टियों में वो घर गया तो उसकी माँ की खुशी का ठिकाना नही रहा। दोनो ने छुट्टियों के दिन बहुत ही खुशी से बिताये। फिर उसके जाने का समय आ गया। माँ का दिल तड़प रहा था पर उंसने बेटे के सामने कुछ नही कहा और बेटे को खुशी खुशी विदा कर दिया। उसके जाने के बाद मा का दिल फिर उदास हो गया। उसकी माँ हर समय उसके आने का ही रास्ता देखती रहती थी।

बेटा जब भी छुट्टियों में आता दोनो बहुत खुशी खुशी साथ रहते ओर बिछड़ने के बाद उदास से हो जाते थे।

एक बार बहुत समय के बाद उसके घर डाकिया आया और उसने उसको एक लेटर दिया। माँ ने वो लेटर अपनी पड़ोस की मेडम के पाश ले जाकर उसे दिया और कहा मेरे बेटे का खत है पड़के सुना ना कब आएगा मेरा बेटा,
मेडम ने खत में पड़ा तो उसके होश उड़ गए और वो रोने लगी।
उसके रोने के कारण माँ का दिल और बेचैन सा हो गया और कहने लगी 'बता ना क्या हुआ, कब आएगा मेरा बेटा।
मेडम ने भाउक होकर कहा- माँ जी आपका बेटा अब नही रहा। कल सीने पर गोली लगने के कारण उसकी मौत हो गयी।
माँ कूट कूट कर रोने लगी।

Salut our indian army




Tuesday, January 23, 2018

सच्चा दोस्त, A love story by tow friend

चेतल ओर पवन दोनो ही बहुत घनिष्ट मित्र थे, दोनो की दोस्ती कृष्ण और सुदामा के जैसी थी। दोनो एक दूसरे के लिए जान भी देंने को तैयार रहते थे।
चेतल स्वभाव से बहुत ही सीधा था और बहुत ही शर्मिला था। और पवन स्वभाव से बहुत ही चंचल ओर बहुत शरारती था।
दोनो एक साथ ही कॉलेज में पड़ते थे।


उसी कॉलेज में पूजा नाम की एक लड़की भी पड़ती थी। जिससे पवन बहुत प्यार करता था,पर कभी उससे कहा नही ओर नही ही अपने दोस्त को बताया कि वो उससे बहुत प्यार करता है। पवन ओर पूजा दोनो दोस्त की तरह ही रहते थे और बातचित किया करते थे।

चेतल भी पूजा से प्यार करने लगा था। उंसने भी ये बात पवन को नही बताया। एक दिन दोनो दोस्त नदी किनारे बैठे थे। तो चेतल ने पवन से कहा - अरे यार न जाने क्यों अजीब सा लग रहा है।
पवन- क्यो
चेतल- पता नही यार एक लड़की है जिसको देखकर दिल मे कुछ कुछ होता है।
पवन- कौन है भाई हमे भी तो बताओ।
चेतल- है यार अपने कॉलेज की लड़की।
पवन - भाई बताना क्यो शर्मा रहा है।
चेतल- उसका नाम है पूजा, क्यो मेरी बात उससे कराएगा ना।

पूजा नाम सुनते ही पवन के दिल को झटका लगा।
पर दोस्त के लिए तो सब कुछ कुर्बान है।



वन- हाँ भाई क्यो नही मेरे दोस्त को प्यार तो हुआ।

ओर दोस्त अपने अपने घर चले गए। पवन घर पहुच कर रोने लगा। अपने प्यार के लिए जिसे वो कुर्बान करने वाला था। ओर प्यार को भूलने का पक्का मन बनाकर सो गया।

दुसरे दिन वो दोनों कॉलेज गए पवन ने पूजा को चेतल से बात करने के लिए मना लिया। और चेतल ओर पूजा को अकेले छोड़कर वो वह से चले गए। पवन वह से दूर जाकर रोने लगा।

इधर पूजा और चेतल बात कर रहे थे कुछ समय बाद चेतल ने पूजा से कहा - I love u, do u love me.
पूजा - नही मैं तुमसे प्यार नही कर सकती। मैं किसी ओर से प्यार करती हूं।
चेतल- किस्से
पूजा- तुम उससे जानते हो।
चेतल- कोंन
पूजा- तुम्हारा दोस्त जो मुझसे बहुत प्यार करता है पर कभी कह नही पाया और तुम्हारे प्यार के लिए अपने प्यार की कुर्बानी देकर वो देखो वह रो रहा है।

चेतल वह से जल्दी से दौड़कर अपने दोस्त के पास गया और उसे गले लगा लिया।

Monday, January 22, 2018

तू हमारी जान है

एक 5 साल का लड़का था उसके माता पिता हर समय उससे कुएं के पास जाने से रोकते थे। माता पिता को डर था कि कुछ अनर्थ ना हो जाये इसलिए उसे वह जाने नही देते थे। बेटा भी वही जाने की जिद किया करता था।
 वह कुएं घर से कुछ ही दूरी पर था। पिता के लाख कोशिश करने के बावजूद भी लोगो ने उसे बंद नही होने दिया। बेटे को कुछ हो न जाए इसलिए उसे घर से बाहर निकलने भी नही दिया जाता था। माता पिता दोनो ही कभी कभी उसे अपने साथ घुमाते थे।

एक दिन पिता कही काम से गये थे और माँ नहाने के लिए गयी थी, बेटे ने सोचा क्यों न आज देख लिया जाए उस कुए में ऐसा क्या है जिसकी वजह से मुझे उसके पास जाने नही दिया जाता।
ओर वो लड़का चुपके से घर से निकल कर कुएं पास चला गया और एक दम पास जाकर उसमे झांकने लगा। जैसे ही उंसने उसकी माँ की आवाज सुनी वो घर की ओर भागने लगा उतने में ही उसका पैर फिसल गया और वो कुए में गिर गया।


गिरने की आवाज सुनकर उसकी माँ दौड़कर कुए के पास गई और चिलाने लगी उसकी आवाज सुनकर बहुत सारे लोग वह इकठा हो गए और रस्सी की मदद से किसी तरह उसे निकाल लिया गया।
कुए से निकलते ही मा ने उसे गले से लगा लिए ओर किसी तरह से उसके मुंह से पानी निकाला और तब जाकर उसकी जान में जान आयी।


उसके बाद उस लड़के को समझ आ गया में माता पिता की मैं जान हु इसलिए मुझे कुछ न हो जाये इसके लिए ही वो मुझे मन करते थे।

दुनिया केवल माँ बाप ही ऐसे होते है जो कभी अपने बच्चों का बुरा चाहते है।

Sunday, January 21, 2018

हर चीज की उसे ही कदर होती है जिसको इसकी जरूरत होती

"वो कहते है ना दोस्तो

रोटी की कदर उसी को होती है,

जिसको इसकी जरूरत होती है।"

हमारे जीवन मे हर एक चीज अनमोल है। क्योकि इसका मूल्य उसे ही पता चलता है जिसके पास ये नही होती है। जैसे - प्यार, माँ बाप, रोटी, प्यारी बहन, पैसा, ओर भी बहुत चीज।

माँ- बाप-


माता पिता हमारे भगवान के समान होते है। जिंदगी भर अपने बच्चों के लिए ही दिन गुजरते है, बच्चों की हर इच्छा पूरी करते है। 
पर आज कल के बच्चों को अपने माता पिता की कदर ही नही है। इनके लिए वो लोग तड़पते है जिसके माँ बाप नही होते। उनको जिंदगी की सबसे बड़ी कमी माँ और बाप का प्यार होता है जो उन्हें नही मिल पाता।

रोटी -


हम तो बचा हुआ खाना युही कूड़े में फेंक देते है, ओर बहुत सारी नापसंद भोजन को नही कहते जो व्यर्थ ही खराब हो जाता है और उसे हम फेक देते है।
पर कभी सोचा है हमारे देश मे बहुत सारे ऐसे भी लोग है जिन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नही होता।
ओर कुछ तो बिना खाये ही सो जाते है।
हम जो खाना फेकते है ना उसकी सबसे ज्यादा जरूरत उन लोगों को होती है जो सड़को के किनारे भूखे सोया करते है।

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Monday, January 15, 2018

रेलवे स्टेशन पर कचरा बीनने वाला लड़का कैसे बना अंतरास्ट्रीय फोटोग्राफर

क्या हम सोच सकते है 11 वर्ष की उम्र में घर से भागने वाले लड़का दिल्ली जाकर रेलवे स्टेशन पर कचरा बीनने वाला लड़का विक्की रॉय कैसे बना एक महसूर फोटोग्राफर।


महसूर फोटोग्राफर 27 वर्ष के विक्की रॉय की गरीबी और संघर्ष की कहानी।

पुरुलिया गाओ पचिम बंगाल में एक गरीब परिवार में जन्मे थे। उसके गरीब मा-बाप ने अपने बेटे की परवरिश के लिए उसे उसके नाना-नानी के पास भेज दिया।

नाना-नानी के घर उसके साथ बहुत अत्याचार होता था। वह उनको दिन बार काम करना पड़ता था और छोटी छोटी बातों के लिए भी उन्हें डाट ओर मार खाना पड़ता था।
विक्की को बचपन से ही घूमने फिरने का बहुत सोख था इसलिए वो 1990 में मात्र 11 वर्ष की उम्र  में अपने मामा के जेब से 900 रुपए चोरी करके नाना-नानी के घर से दिल्ली भाग गए।

जब वो दिल्ली पहुचे तो लोगो की भीड़ भाड़ देखकर रोने लगे। फिर उनकी मुलाकात रेलवे स्टेशन पर रहने वाले कुछ लड़कों से हुई,जो वह कचरा बीनने का काम करते थे। वो दिन भर उनके साथ रहते ओर स्टेशन पर पड़े खाली बोतलो के बीनकर उसमे पानी भरकर लोगो को बेच दिया करते थे। ओर रात में वही स्टेशन में सो जाते थे।
कुछ दिनों बाद उनको एक आदमी ने वह से लेकर अनाथलय में लाकर छोड़ लिया। अनाथलय में दिन भर ताला लगा रहता था, वह से कोई भी बाहर नही जा सकता था। विक्की फिर से एक कैदी की तरह हो गए थे। इसलिए उन्होंने वह से भागने का सोचा ओर एक दिन मौका देखकर वो अनाथालय से भागकर फिरसे स्टेशन में चले गए और वही काम करने लगे।
लेकिन पैसो की तंगी के कारण फिर उन्होंने अजमेरी के एक रेस्तरां में बर्तन धोने का काम करने लगे। यह समय उसके लिए सबसे मुश्किल था क्योंकि उसको सुबह 5 बजे कड़ाके की ठंड में उठा दिया जाता था और रात के 12 बजे तक उन्हें ठंडे पानी से बर्तन धोने पड़ते थे।

Life changing movement in his life

एक दिन उसी रेस्तरां में एक सज्जन पुरुष आये और उंसने विक्की को काम करते हुए देख। उंसने विक्की से कहा तुम्हारी उम्र अभी कमानी की नही है पड़ने लिखने की है। और वो विक्की को वह से निकाल कर वो सलाम बालक ट्रस्ट में ले गए। सलाम बालक ट्रस्ट की "अपना घर" संस्था में रहने लगे।
सन 2000 में उनका दाखिला छटवी क्लास में कर दिया गया, ओर विक्की डेली स्कूल जाने लगे। लेकिन 10वी क्लास में विक्की के केवल 48% आये इसलिए उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा।


फोटोग्राफी की शुरूआत

2004 में विक्की ने अपने फोटोग्राफी की रुचि के बारे में अपने टीचर को बताया। उस समय ट्रस्ट के अंदर फोटोग्राफी वर्कशॉप का आयोजन हो रहा था, जिसके के ब्रिटिश फोटोग्राफर डिक्सी बेंजामिन आये हुए थे। तो टीचर ने विक्की का डिक्की बेंजामिन से परिचय कराया और कहा ये फोटोग्राफर बनना चाहता है। डिक्सी ने विक्की को थोड़ी बहुत फोटोग्राफी बताया पर विक्की को उसके साथ काम करने में परेशानी हुए, क्योकि विक्की को इंग्लिश नही आती थी। कुछ समय बाद डिसकी वापस विदेश लौट गए। इसके बाद विक्की को दिल्ली के एक फोटोग्राफर, एनी मान से सीखने का मौका मिला। एनी मान उसे 3000 रुपए तनखा के रूप में ओर बाइक का खर्चा देते थे।
18 साल की उम्र तक तो विक्की सलाम ट्रस्ट में रहे उसके बाद उन्होंने किराये का मकान लिया। उंसने सलाम ट्रस्ट से कैनन कैमरा खरीदने के लिए लोन लिया। जिसके बदले उन्हें हर महीने 500 रुपए ट्रस्ट को देना पड़ता था। और 2500 रूम किराया भी देना पड़ता था इसलिए उसने होटलो में वेटर का भी काम चालू कर दिया इसके लिए उसे डेली 250 रुपए मिलते थे।

2007 में विक्की जब 20 साल के हो गए तो उन्होंने एक प्रदर्शनी लगाई जिसका नाम था"street dream" ओर उन्होंने इसे india habbit center में लगाई थी। इससे उन्हें बहुत ख्याति मिली और इसके बाद में वो लंदन,वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका भी गए।

2008 में विक्की अन्य तीन फोटोग्राफर के साथ राम नाथ चंद्र नाथ नामित ,माये बच फाउंडेशन के फोलग्राफी के लिए न्यूयॉर्क भी गए। 2009 की सुरूआत में उंसने वर्ड ट्रेड सेंटर के पुननिर्माण की फोटोग्राफी का अध्यन किया। वापस आने के बाद सलाम बालक ट्रस्ट ने उसे international award for young people से सम्मानित किया।

इसके बाद विक्की को कई सम्मान से सम्मानित किया गया। 2010 में विक्की को Bahrain Indian ladies association ki or se Young achiever India से सम्मानित किया।
2011 में विक्की ओर उसके दोस्त ने फोटोग्राफी लाइब्रेरी बनाई और कई बड़े फोटोग्राफर को इससे जुड़ने को कहा ताकि पैसों की तंगी से जो लोग किताबे नही खरीद पाते थे उनकी सहायता की जा सके। अब इस लाइब्रेरी में 500 किताबे है और विक्की समय समय पर वर्कशॉप भी करते है। इसके बाद विक्की का 2013 में Net Geo mission के  cover shoot के लिए हुआ और वो श्रीलंका गए। इसी साल उन्होने home street home नामक किताब लिखी जिसको नाजर फाउंडेशन से प्रकाशित किया। इसका दूसरा भाग भी 2013 में दिल्ली फ़ोटो फेस्टिवल में प्रकाशित हुआ।
कई सालों के बाद विक्की अपने परिवार से मिले और उनके साथ है।

Thursday, January 11, 2018

Best story father and his daughter love

एक गरीब बाप अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था। वो उसकी खुशी के लिए दिन रात मेहनत करता था। अपनी बेटी को वो दुनिया की हर खुशी देना चाहता था।

बेटी जब बड़ी हुई और 12 क्लास में पहुची तो बेटी ने अपने पिता से कहा पापा मैं 12 क्लास में अच्छे नंबर से पास हुई तो आप मुझे क्या दोगे।

पिता ने कहा तुम जो मांगोगी मैं लेकर दूँगा। बेटी ने कहा पापा मुझे सायकिल चाहिए।

ठीक है मैं लेकर दुगा, तुम अपनी पढ़ाई अछे से करना। और पिता उस रोज से पैसे जोड़ने लगा।

बेटी 12 क्लास में अच्छे नंबर से पास हो गई और उसका सिलेक्शन विदेश के अच्छे मेडिकल कॉलेज में हो गया।

पिता की परेशानी और बढ़ गयी। उंसने सोच अब इतने पैसे कहा से लाओ।
पिता अपनी बेटी को निराश भी नही देखना चाहता था, इसलिए उसने अपनी एक किडनी बेच दिया। और पैसा का जुगाड़ किया।
बेटी विदेश पड़ने के लिए चले गए।

कुछ दिनों बाद वह से एक खबर आई जिसको पिता सहन नही कर पाया और तुरंत हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गयी।

वो खबर - की उसकी बेटी ने उसके प्रेमी के धोका देने के कारण सुसाइड कर लिया।

अब बताओ किसको प्यार में सबसे ज्यादा धोखा मिला
पिता जिसने दिन रात एक कार दिए बेटी के लिए
या
प्रेमी जो कुछ समय पहले ही आया था उसकी जिंदगी में।

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